Wednesday, February 19, 2014

कोई बहुत बड़ा "गेम"

निश्चित रूप से उच्च स्तर पर कोई बहुत बड़ा "गेम" चल रहा है... जिसकी भनक हम जैसे मामूली लोगों को "खेत चुग जाने" के बाद लगेगी. अहमदाबाद के RTI कार्यकर्ता बाबूभाई वाघेला ने वीरप्पा मोईली को यह चिठ्ठी उस समय लिखी थी, जब वे पेट्रोलियम मंत्री नहीं थे, और केजरीवाल अपनी नौकरी छोड़कर आंदोलनकारी बन चुके थे...

इस चिठ्ठी में स्पष्ट लिखा है कि अन्ना आंदोलन में शामिल केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को "गंभीर धोखाधड़ी जाँच कार्यालय" (SFIO) में न रखा जाए. यह जाँच दल उच्च स्तर एवं अत्यधिक बड़ी राशि वाली धोखाधड़ी की जाँच करता है. वाघेला ने पत्र में लिखा है कि इस जाँच दल का हिस्सा होने के कारण सुनीता केजरीवाल के हाथों कई गंभीर, संवेदनशील एवं ख़ुफ़िया जानकारियाँ लग सकती हैं, जिन्हें वह आसानी से अपने आंदोलनकारी पति अरविन्द को मुहैया करवा सकती है. यह वही समय था, जब केजरीवाल को अनुबंध तोड़ने के एवज में नौ लाख रूपए चुकाने का नोटिस भेजा गया था, तथा वे अन्ना के साथ आंदोलन में लगे थे.

वाघेला ने कहा है कि व्यापक जनहित को देखते हुए एवं शासकीय नियमों के अनुसार सुनीता केजरीवाल को तुरंत उनके मूल विभाग में भेजा जाए. इसके बावजूद उन्हें वहीं बनाए रखा गया, बल्कि दिल्ली से बाहर भी नहीं भेजा गया. आयकर विभाग ने भी मंत्रालय को लिखा था कि विभाग में अफसरों की कमी है, इसलिए यहाँ से किसी को भी SFIO नहीं भेजा जाए...

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थोड़ा सा शान्ति से विचार कीजिए, तो आपके दिमाग के तार भी झनझना जाएँगे...

अब हम तो ठहरे "दो कौड़ी के सोशल मीडिया एक्टिविस्ट", ऐसे मामलों की गहराई से जाँच करने के लिए हमारे पास न तो पैसा है, ना संसाधन हैं और ना ही टाईम है... तथा जिन्हें यह सब करना चाहिए, वे तो चमचागिरी के रिकॉर्ड तोड़ते हुए AAP से लोकसभा का टिकट लेने की जुगाड़ में लगे हैं...

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