Wednesday, February 12, 2014

18 वादे और हकीकत

केजरीवाल सरकार का एक महीनाः 18 वादे और हकीकत

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आज एक महीना पूरा कर रही है। अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनाने के लिए दिल्ली की जनता से 18 वादे किए थे। प्रशांत सोनी बता रहे हैं कि इन 30 दिनों में क्या है केजरीवाल के वादों की हकीकत :

1. दिल्ली सरकार का कोई भी विधायक, मंत्री या अफसर लाल बत्ती की गाड़ी नहीं लेगा, बड़े बंगले में नहीं रहेगा और अपने लिए सिक्यॉरिटी नहीं लेगा।
हकीकतः सरकार बनने के पहले ही दिन लाल बत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला किया गया। मंत्रियों, अफसरों की गाड़ियों पर अब लाल, नीली बत्तियां नजर नहीं आतीं। बंगला लेने से भी इनकार किया, लेकिन छोटा सरकारी फ्लैट लेने के लिए तैयार। सीएम ने सुरक्षा लेने से मना किया है, लेकिन इसके बावजूद एक सुरक्षाकर्मी हमेशा उनके साथ रहता है। उनकी किडनैपिंग का इंटेलिजेंस इनपुट आने के बाद से पुलिस ने उनकी सुरक्षा और बढ़ा दी है।

2. भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त जनलोकपाल बिल पास किया जाएगा। कांग्रेस और बीजेपी दोनों के घोटालों की जांच की जाएगी।
हकीकतः
जनलोकपाल बिल अभी तक पास नहीं हुआ है। कहा जा रहा है कि बिल तैयार है और अगले महीने रामलीला मैदान में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर उसे पास कराया जाएगा। उससे पहले इसे कैबिनेट मीटिंग में पास किया जाएगा। कांग्रेस-बीजेपी की पूर्व सरकारों के घोटालों की जांच अभी तक शुरू नहीं हो पाई है।

3. दिल्ली में स्वराज कानून स्थापित किया जाएगा। अपने मोहल्ले, कॉलोनी और गलियों के बारे में फैसला लेने का अधिकार सीधे जनता को दिया जाएगा। दिल्ली में विधायक और पार्षद फंड बंद किया जाएगा। यह पैसा सीधे मोहल्ला सभाओं को दिया जाएगा, ताकि जनता तय करे कि सरकारी पैसा उनके इलाके में कहां और कैसे खर्च होगा।
हकीकत
: स्वराज कानून बनाने को लेकर काम चल रहा है। इसके लिए एक कमिटी बनाई गई है, जो इस बिल का ड्राफ्ट तैयार कर रही है। जल्द ही इस ड्राफ्ट को जनता के सामने रखकर उस पर जनता की राय ली जाएगी और फिर जरूरी सुधार करने के बाद इसे पास किया जाएगा। मोहल्ला सभाओं का गठन अभी नहीं हुआ है। पार्षद और विधायक फंड को लेकर भी स्थिति अभी तक क्लियर नहीं है। विभिन्न इलाकों में विकास कार्य रुके हुए हैं।

4. दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की कोशिश की जाएगी।
हकीकत: पिछले हफ्ते सीएम और उनकी कैबिनेट के मंत्रियों ने 5 पुलिसवालों की बर्खास्तगी की मांग को लेकर रेल भवन पर धरना दिया था। माना जा रहा है कि इसके पीछे रणनीति दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने और दिल्ली पुलिस को सरकार के अधीन लाने की ही थी, लेकिन इस प्रोटेस्ट से केजरीवाल सरकार को कोई खास सफलता हाथ नहीं लग पाई।

5. बिजली कंपनियों का ऑडिट कराया जाएगा। दिल्ली में बिजली के बिल आधे किए जाएंगे।
हकीकत: बिजली कंपनियों के ऑडिट का आदेश दे दिया गया है और इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। उपराज्यपाल और हाई कोर्ट भी इसके लिए ग्रीन सिग्नल दे चुके हैं। सब्सिडी के जरिए बिजली के दामों में 50 फीसदी की कटौती करने की घोषणा तो की गई है, लेकिन इसका फायदा सिर्फ 400 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वालों को ही मिलेगा।

6. दिल्ली में तेज चल रहे बिजली के मीटरों की जांच कराई जाएगी।
हकीकत: मीटरों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जिन इलाकों में मीटर तेज चलने या बिल ज्यादा या गलत आने की शिकायतें आएंगी, उन इलाकों में किसी थर्ड पार्टी यानी स्वतंत्र एजेंसी से 10,000 मीटरों की रैंडम जांच कराई जाएगी।

7. दिल्ली के हर घर को 700 लीटर साफ पानी प्रतिदिन मुफ्त दिया जाएगा।
हकीकत:
जिन घरों में पानी के मीटर लगे हुए हैं, उन घरों में रोज 700 लीटर पानी मुफ्त देने की घोषणा सीएम कर चुके हैं, लेकिन 701 लीटर होते ही पूरे पानी का बिल भरना पड़ेगा। जिन घरों में मीटर नहीं लगे हैं, उन्हें इसका फायदा नहीं मिलेगा। सरकार ने किसी भी कंपनी का मीटर लगाने की छूट दे दी है।

8. दिल्ली की सभी अनधिकृत कॉलोनियों को एक साल के अंदर नियमित करके इनमें तुरंत सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
हकीकत:
इस दिशा में अभी कोई खास काम नहीं हो पाया है। सरकार ने इस मसले को लेकर कुछ मीटिंग की हैं। अधिकारियों को ऐसी कॉलोनियों के नक्शे बनाने का काम तेज करने और जल्द से जल्द नक्शे पास कराने के लिए कहा गया है। हालांकि अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने में केंद्र सरकार का भी सीधा हस्तक्षेप रहता है।

9. झुग्गीवासियों को जब तक पक्के मकान नहीं दिए जाते, उनकी झुग्गियों को तोड़ा नहीं जाएगा।
हकीकत:
इधर सरकार का गठन हो रहा था, उधर रेलवे के अधिकारियों ने रातोंरात नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में रेलवे ट्रैक के किनारे बनी एक झुग्गी बस्ती तोड़ डाली। झुग्गी वालों को पहले से बनकर तैयार पक्के मकान अलॉट करने का काम भी अभी शुरू नहीं हुआ है। नए मकान बनाने की दिशा में भी अभी तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है।

10. स्थायी और नियमित कार्यों में ठेकेदारी पर कर्मचारियों को रखने की प्रथा बंद करके सभी लोगों को नियमित किया जाएगा।
हकीकत:
दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों में काम करने वाले अस्थायी कर्मचारियों के अलग-अलग ग्रुप रोज सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अभी तक उन्हें स्थायी करने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई है। सिर्फ एक कमिटी बना दी गई है, जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी।

11. वैट का सरलीकरण किया जाएगा। वैट की दरों की फिर से समीक्षा की जाएगी।
हकीकत:
वैट की दरों की समीक्षा करने या उसका सरलीकरण करने की दिशा में अभी तक कोई ठोस पहल या घोषणा नहीं की गई है।

12. दिल्ली में किराना में एफडीआई नहीं आने दिया जाएगा।
हकीकत:
पिछली सरकार ने किराना में एफडीआई की जो इजाजत दी थी, उसे वापस लेते हुए केजरीवाल ने पिछली सरकार के फैसले को पलट दिया है और घोषणा की है कि किराना में एफडीआई को नहीं लाने दिया जाएगा।

13. किसानों को वो सभी सुविधाएं और सब्सिडी दी जाएंगी, जो दूसरे राज्यों के किसानों को उपलब्ध हैं। ग्राम सभा की मंजूरी के बिना किसी भी गांव की जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। लाल डोरा बढ़ाया जाएगा।
हकीकत:
किसानों को सुविधाएं, सब्सिडी और गांवों के विकास के संबंध में केजरीवाल सरकार ने अभी तक कोई पहल नहीं की है।

14. सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर प्राइवेट स्कूलों से बेहतर किया जाएगा। 500 से ज्यादा नए सरकारी स्कूल खोले जाएंगे। प्राइवेट स्कूलों में डोनेशन सिस्टम बंद किया जाएगा और उनकी फीस तय करने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा।
हकीकत:
अभी तो सरकारी स्कूलों की हालत और वहां शिक्षा का स्तर जस का तस है। स्कूलों की खराब हालत का पता लगाने के लिए वॉलंटियरों से सर्वे जरूर कराया गया है, लेकिन कोई नया स्कूल खोलने की घोषणा भी अब तक नहीं की गई है। 200 नए स्कूलों के लिए जमीन देख ली गई है। प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने की कोशिश जरूर की गई है। नर्सरी ऐडमिशन से जुड़ी शिकायतों के लिए अलग से हेल्पलाइन शुरू की गई है, लेकिन प्राइवेट स्कूलों की फीस निर्धारण प्रक्रिया को लेकर अभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

15. दिल्ली में नए सरकारी अस्पताल खोले जाएंगे और सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट अस्पतालों से भी बेहतर इलाज का प्रबंध किया जाएगा।
हकीकत:
अस्पतालों की हालत भी जस की तस है। कुछ अस्पतालों में बस नया रंग रोगन कराया जा रहा है, लेकिन सुविधाएं बढ़ाने के मामले में अभी तक कोई सुधार देखने को नहीं मिला है। कोई नया अस्पताल खोलने की घोषणा भी नहीं की गई है।

16. दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए स्पेशल महिला सुरक्षा दल बनाया जाएगा। नई अदालतें खोली जाएंगी और नए जज नियुक्त किए जाएंगे, ताकि महिलाओं के उत्पीड़न के मामले में 3 से 6 महीने में सख्त सजा हो।
हकीकत:
महिला सुरक्षा दल का गठन अभी तक नहीं हो पाया है। इसके गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सिर्फ एक कमिटी बनाई गई है। 48 नई अदालतों का गठन हुआ तो है, लेकिन उसमें दिल्ली सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं था। हाई कोर्ट के निर्देश पर नई अदालतें बनाई गई हैं।

17. दिल्ली में इतनी नई अदालतें खोली जाएंगी और इतने जजों की नियुक्ति की जाएगी कि कोई भी मामला 6 महीने से एक साल के अंदर निपटाया जा सके।
हकीकत:
किसी मामले में फैसला कितने दिन में आ जाएगा, यह कानूनी प्रक्रिया पर निर्भर करता है। जहां तक नई अदालतें खोलने और नए जजों की नियुक्ति का सवाल है, तो उस दिशा में दिल्ली सरकार की तरफ से अभी तक कोई बड़ा फैसला नहीं किया गया है।

18. अन्य पार्टियां केंद्र सरकार से संबंधित मुद्दों पर आम आदमी पार्टी का साथ देंगी।
हकीकत:
सरकार को समर्थन दे रही कांग्रेस हो या विपक्षी बीजेपी, केंद्र सरकार से जुड़े मसलों पर दोनों ही आप की सरकार का साथ नहीं दे रहीं। रेल भवन पर हुए धरने के दौरान भी यह साफ नजर आया।

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