Sunday, December 8, 2013

आम आदमी पार्टी के नेताओ का एक स्टिंग ऑपरेशन

पूरा पोस्ट पढ़े और सारे सबूतो कि जांच स्वयं करे और फिर कमेंट करे.

आप सभी जानते है कि मीडिया सरकार द्वारा आम आदमी पार्टी के नेताओ का एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया है जिसमे वो यह पता करने कि कोशिश कर रहे है कि यह लोग सही में ईमानदार और दूसरे पार्टियो के नेताओ से अलग है कि उनके जैसे ही है. इसमें उन लोगो ने दिखाया कि आम आदमी पार्टी के नेता गलत माध्यमो से पैसे ले रहे है जिसे टैक्स चोरी, काला धन लेने, गुंडागर्दी में साथ देने, पार्टी में हाई कमांड कल्चर चलने के आरोप है. यह रहा पूरा विडियो:
http://www.youtube.com/watch?v=ZTC_8fdHzds

इस पर आम आदमी पार्टी ने कहा कि यह फेक विडियो है और उनके उम्मीदवारो ने कुछ भी गलत नहीं किया है और सारे आरोप बेबुनियाद है. जो विडियो मीडिया सरकार ने पोस्ट किया था उसे#आप ने फर्जी, डॉक्टर्ड, एडिटेड वगैरह बोला और कहा कि उन्हें रॉ विडियो चाहिए। अब आम आदमी पार्टी को पूरा रॉ विडियो मिल चूका है, और उसके आधार पर उन्होंने जवाब लिखा है. लेकिन आम आदमी पार्टी ने अभी तक पूरा रॉ विडियो पास में होने के बाद भी पोस्ट नहीं किया है. उन्होंने जो आरोप मीडिया सरकार पर लगाया अब वही काम स्वयं कर रहे है पूरा विडियो न पोस्ट करके। जैसा कि आप कुमार विश्वास के क्लिप में देखे कि जहा पर कुमार ने बिज़नस क्लास, स्युट इत्यादि कि बात कि है वो सारा भाग उन्होंने हटा दिया है. निचे देखे लिंक:
http://www.aamaadmiparty.org/Real-story-behind-the-sting

अब आप ऊपर दिए गए विडियो को पूरा देख, आम आदमी पार्टी के वेबसाइट पर दिए गाय जावबो और उनके विडियो क्लिप्स को देखे और फिर अब निचे दिए गए तथ्यो को पढ़े और सच क्या है खुद जानने कि कोशिश करे:

1. Shazia Ilmi (R.K.Puram)

-----AAP Statement about Sazia Ilami --------
Allegation: Shazia Ilmi agrees to attend a demonstration against a company because she receives large cash donations. She agrees to accept these donations without any receipt.

What actually Happens: When the reporter approaches Shazia, she refuses to help without any documentary evidence. Shazia is clearly in a hurry to leave. When she stands up to leave a crucial piece of the footage has been edited out. Shazia says, “We will only do it if we have concrete evidence. I have been a TV journalist for so many years. Hum jhoot nahin bolenge. We will not lie.” She ends the conversation and is ready to leave when she is asked about donating to the Party. She says that donations can be made in cheque or cash and a receipt will be provided. When the reporter says she does not want a receipt, Shazia says cash be used to pay volunteer salaries (the word “seedha” is not used as claimed by the sting transcript) and the cash can shown ‘in that [...volunteer stipend] account’. Shazia says Rs.20,000 can be paid by cheque and the reporter replies that they will pay ‘10’. There is no mention of lakhs as claimed by news channels. The reporter does not contradict Shazia when she mentions 25,000 and makes no reference to ‘lakhs of rupees’. Shazia tries to leave and reporter follows her. Shazia is seen saying “haan, haan” to evade the reporter. Finally when asked if Shazia would be willing to help if the reporter is unable to provide any evidence, she says it would be good if there was documentary evidence. (See Video Footage related to Shazia)
-------------------------------------------
Problems:
सर्वप्रथम इस विडियो को देखे और आप द्वारा पोस्ट किये गए साजिआ जी से सम्बन्थित्त विडियो को भी देख ले
http://www.youtube.com/watch?v=IDpp59U8Lpg

समस्या #1:
आप वेबसाइट ने कहा कि "जैसा न्यूज़ चंनेलो ने दवा दिया है यह कही भी नहीं कहा गया है स्टिंग ऑपरेशन में कि लाख में रुपये लिए गए है". अब आप ऊपर दिए गए विडियो में 8.04 min देखे जिसमे साफ़ साफ़ कहा गया है कि "पंद्रह लाख कैश देना है." आप पार्टी ने कहा कि लाख कि बात जो न्यूज़ चैनलो ने कहा है वो बिलकुल गलत है. आप खुद देख ले कि रिपोर्टर 15लाख कि बात कर रही है. यह आप के झूट को पूरी तरह से सिद्ध कर देता है.

समस्या #2:
आप पार्टी ने जो जवाब दिया है उसमे खुद वो साजिआ कि गलती को मान रहे है. साजिअ को जब डोनेशन कि बात कही गई तो वो धरना के लिए राजी हो गई. आप के जवाब में कहा गया है कि साजिआ कह रही है कि यह अच्छा होता अगर क़ानूनी सबूत भी होते। लेकिन साजिआ यह कही नहीं कह रहे है (डोनेशन कि बात होने के बाद) कि अगर कौणी सबूत नहीं होंगे तो वो नहीं आएगी। बल्कि आप विडियो में खुद देख चुके है कि रिपोटर पहले ही कह चुकी है कि उसके पास क़ानूनी सबूत नहीं है। आप सभी खुद देख सकते है कि सच क्या है. क्या यह सभी बात है कि आप बिना क़ानूनी सबूतो के किसी भी कंपनी पर डोनेशन लेकर आरोप लगा दे?

अब चेक करे इस विडियो का 8.05min का अंश.
"रिपोर्टर - हम बस कुछ इल्जाम लगा देंगे और आप बस पञ्च मिनट आ जाये तो मीडिया कवरेज हो जायेगा।
साजिअ इल्मी - ठीक है ठीक है.. लेकिन कुछ लीगल डाक्यूमेंट्स अगर होंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।

यहाँ साफ़ साफ़ कुछ भी इस्लाम लगाने कि बात रिपोर्टर कर रही है और साजिआ साफ़ सब्दो में इंकार करने के बजाये इस बात के लिए राजी हो रही है. क्या कारन था कि साजिअ ने साफ़ साफ़ इंकार नहीं किया? कह सकती थी कि कानूनी सबूत नहीं होंगे तो वो नहीं आयेगी धरने पर.

समस्या #3:
विडियो का 2.20min का अंश देखे:
रिपोर्टर - आप रसीद देंगे तो कंपनी का नाम आएगा तो प्रॉब्लम हो जायेगी उसमे। आप ये कर सकते है कि किसी और के नाम पर.
साजिअ इल्मी - ठीक है आप ऐसा कर सकती है कि आप हमारे वॉलंटिर्स को पे कर सकते है सीधे।

अब यहाँ समस्या है है कि अरविन्द केजरीवाल कई बात कह चुके है कि एक एक रुपये का डोनेशन वो वेबसाइट पर डाल रहे है. यहाँ आप साफ़ साफ़ देख सकते है कि रिपोटर कह रही है कि कंपनी का नाम नहीं आना चाहिए। अब आप बताये जब कोई सस्ंथा अपना नाम गुप्त रखना चाहती है और १५ लाख रुपये देना चाहती है तो आप उसका नाम वेबसाइट पर डालने कैसे? इसका मतलब यह है कि आप पार्टी के नाम पर बहुत सारा पैसा ले रहे है जिसका नाम वेबसाइट पर नहीं है. यह विडियो इस बात को साफ़ साफ़ सिद्ध कर रहा है कि बिना नाम के चंदा वो भी लाखो में लिया जा रहा है.

समस्या #4:
वेबसाइट पर लिखा है कि "Shazia says, “We will only do it if we have concrete evidence. I have been a TV journalist for so many years. Hum jhoot nahin bolenge. We will not lie.”

आप लोग खुद सोचे कि क्या कोई भी झूठ बोलने वाला इंसान यह कहता है कि वो झूठ बोलता है? केजरीवाल जी कहते है कि अगर वो एक भी रुपये लेते है तो वो रुपये देने वाले का नाम वेबसाइट पर डालते है. यहाँ साजिअ जी लाखो रुपये एक कंपनी से ले रही है, कंपनी कि रिपोटर कह रही है कि वो कंपनी का नाम नहीं आने देना चाहती। तो साजिआ जी कहती है कि ठीक है आप कैश में सीधी वालंटियर्स को पैसे दे दे. अब आप बताये जब कंपनी कह रही है कि उन्हें अपना नाम नहीं दिखाना चाहती है और अपना नाम नहीं बता रही है तो केजरीवाल जी कैसे उसका नाम उस 15 लाख के साथ वेबसाइट पर डालेंगे? इसका मतलब यह है कि केजरीवाल जी ऐसे लोगो से भी पैसे ले रहे है जो नाम नहीं बता रहे है और जब नाम नहीं बता रहे है तो वेबसाइट पर डालने का कोई सवाल ही नहीं खड़ा होता है. क्या यह झूट नहीं है?

###########################################
8. Kumar Vishwas

---AAP Statement about Kumar Vishwas ---------------
Allegation: Kumar Vishwas accepts money in cash and no receipts are provided. Kumar also demands travel by Business Class and asks for a hotel suite.

What actually Happens: Reporter asks Kumar Vishwas and his personal assistant discuss the terms of engagement to speak at a Kavi Sammelan. Kumar notes that he will not attend the show unless he receives the entire payment for the show in advance. His personal assistant says that they allow for different forms of receipt, including a note in their formal letterhead. Kumar mentions that he can accept cash as well as check. This part of the footage is interpreted as Kumar accepting black money. However in the actual raw footage, this sentence is followed by a critical point – he says that cash or check, we will pay income tax on it. The personal assistant also notes that Kumar has always maintained clean accounts, even during a time when he hardly had any income. Kumar does ask for Business Class tickets and a hotel suite at any point in the footage. The reporter gives them cash, which the PA keeps in his pocket and the scene is cut. (Video related to Kumar)
-------------------------------------------

समस्या:
पहले यह विडियो और आप वेबसाइट द्वारा दिया गया कुमार का क्लिप देखे:
http://www.youtube.com/watch?v=IgRLgMppkSA

समस्या #1:
आम आदमी पार्टी ने मीडिया सरकार पर पूरा रॉ विडियो नहीं डालने का आरोप लगाया और स्वंय भी वही काम कर रही है. जिस जगह कुमार बिज़नस क्लास स्यूट वगैरह कि बात कर आरहे है वो सारा क्लिप आम आदमी पार्टी ने नहीं डाला। पूरा रॉ विडियो जब पास में है तो पूरा विडियो डालने में और सच जनता के सामने रखने में क्या आपत्ति है? मीडिया सरकार ने जो विडियो डाला है कुमार से सम्बंधित तो 6.12 मिनट का है और आप वेबसाइट ने रॉ विडियो रहने के बाद भी 2.57 मिनट का विडियो डाला।

समस्या #2:
- 1.10 min
सेक्रेट्री - "लेकिन रसीद हमारा कुछ ऐसा बना हुआ नहीं है".

- 1.23 min
सेक्रेट्री - "हम कोई रसीद का फॉर्मेट नहीं रखते"

आप सभी जानते है कि कवी कुमार विश्वास लाखो रुपये अपने प्रोग्राम के लेते है. फिर वो कोई ठोस रसीद क्यों नहीं रखते? इसका मतलब है कि वो अपने पैसो कि सही से रिकॉर्ड नहीं करते है. आप सभी जानते है कि एक छोटा सा दुकानदार भी जब टैक्स नहीं देना चाहता है तो वो कहता है कि अपने दूकान का ठोस रसीद नहीं देगा। जितने पैसे कि ठोस रसीद नहीं दिए जाते है उनको अपनी आय का हिस्सा दिखने का कोई क़ानूनी तरीका नहीं है.

समस्या #3:
- 2.20 min
रिपोर्टर - "हमारा फाइनांसर सामने नहीं आना चाहते है MLA है वो कही के. वो कैश पेमेंट ही देंगे"

कुमार विश्वास - "कोई दिक्कत नहीं है"

कुमार सेक्रेट्री - "कोई दिक्कत नहीं है हमारी तरफ से कोई प्रॉब्लम नहीं है. ऐसे भी आए वैसे भी आए"

क्या कारन है कि जब बताया जा रहा है कि जो इंसान पैसे दे रहा है वो सामने नहीं आना चाहता है नेता है किसी पार्टी के फिर भी कुमार कहते है इस तरह के इंसान से उन्हें पैसे लेने में कोई आपत्ति नहीं है? हो सकता है कि वो इंसान को अपराधी हो, हो सकता है कि जो पैसा वो दे रहा है वो काला धन हो. कुमार के सेक्रेटरी कहते है कि जब ऑकउंटेंट आता है तो वो पूरा हिसाब देते है. अब आप बताये जब आपको यह नहीं पता कि आपको लाखो ॄ रुपये किस इंसान ने दिए तो आप ऑकउंटेंट क्या लिखेगा? सरकार को कैसे बतायेगा कि यह पैसा कहा से आया है? क्या इससे पारदर्शिता कहते है?

समस्या #4:
- 3.09 & 3.22 min
कुमार विश्वास - "जैसा मेरे शर्ते क्या है कि मई बिज़नस क्लास से ही जाता हु. दोनों टिकट मै साथ में मांगता हु अपना और अपने मेनेजर का. हमें दो स्यूट छाये तो एक स्यूट दे देओ एक डीलक्स रूम चल जायेगा"

आपने देखा होगा आप पार्टी ने कई बार बताया है कि विकलांग, रिक्शा चलने वाले, बच्चे अपने गुल्लक से पैसा पार्टी को दे रहे है. दूसरी तरफ कुमार अगर हवाई सफ़र करे इकॉनमी क्लास में अपने सेक्रेटरी के साथ तो करीब 20,000 रुपये लगेंगे, वही अगर वो 2 लोगो के बिज़नस क्लास में टिकट बुक किये जाये तो 80,000 लगते है. कुमार साहब यह अतिरिक्त 60,000 रुपये अपने एक हवाई सफ़र में बर्बाद कर देते है. एक तरफ गरीब बच्चे अपने गुल्लक के पैसे पार्टी को दे रहे है और दूसरी तरफ पार्टी के सबसे बड़े नेता इतना पैसा अपने ऐसो आराम में सीधे बर्बाद कर रहे है. और स्यूट बुक करने में जो पैसे बर्बाद होंगे वो अलग से. क्या आपने किसी भी जनता के लिए काम करने वाले आम आदमी को इस तरह से पैसो कि बर्बादी करते देखा है?

समस्या #5:
आप वेबसाइट ने लिखा है कि "His personal assistant says that they allow for different forms of receipt, including a note in their formal letterhead."

अब विडियो का 1.07min अंश देखे:
रिपोर्टर - रसीद बगैरह मिल जायेगी ना?
कुमार सेक्रेट्री - देखिये रैसिड का हमारा कुछ बना हुआ नहीं है. हम लेटरहेड पर लिख कर दे सकते है. अगर आपके पास कोई फॉर्मेट है तो उसपर साईन कर देंगे। हम रसीद ऐसा बाकि कोई है नहीं हमारे पास।

क्या आपको यहा कही भी फॉर्मल लेटरहेड नामक सब्द दिख रहा है? यह काम वही लोग करते है जिन्हे टैक्स कि चोरी करनी होती है. विश्वास नहीं होता तो अपने घर के पास के किसी किराने दुकान पर जाये। वो आपको बतायेगा कि वो रिस्ड देते है और उस रसीद में क्रमांक होता है जिससे इस बात कि पुस्टि होती है कि उनसे कितने का सामान बेचा और कितने रुपये उसे मिले। एक किराने कि दूकान चलने वाला भी सही रसीद रखता है लेकिन लाखो रुपये लेने वाले कुमार साहब नहीं रखते।

ऊपर दी गई सारी बातो को पढ़े और खुद से सोचे कि क्या इससे पारदर्शिता कहते है?

No comments:

Post a Comment

Paid मीडिया का रोल

क्या मोदी सरकार पिछली यूपीए सरकार की तुलना में मीडिया को अपने वश में ज्यादा कर रही हैं? . यह गलत धारणा पेड मीडिया द्वारा ही फैलाई गयी है ...