Thursday, December 12, 2013

वाह रे देश बदलने का जज्बा

वाह रे देश बदलने का जज्बा ..जब चुनावी जमीन तैयार करनी थी तब हाईडाईबिटिक होने के बाद भी केजरीवाल जी स्टील का गिलास लेकर अनशन पर बैठ गये थे और पुरे १४ दिनों तक बिना कुछ खाए रहने का दावा किया और उसके बाद भी पुरे तीन घंटे का भाषण दिया था |

आज वही "स्टील पुरुष" केजरीवाल अन्ना के अनशन में इसलिए नही गये क्योकि उनको बुखार आ गया ??? 

हद है भाई कल रात १२ बजे तक जन्तर मन्तर पर जीत का जश्न किया ... शैम्पेन की बोतले खोली .. बोटी और दारू की पार्टी हुई .. मंच से नेताओ ने दंभ और घमंड से भरे तकरीरे की .. तब तो केजरीवाल जी एकदम स्वस्थ थे .. फिर अचानक उनको बुखार आ गया ??

असल में चुनाव खत्म हो गये .. अब केजरीवाल जी कह रहे है की अन्ना गये भाड़ में 

आप पार्टी अन्ना हजारे के आन्दोलन से निकली है और लालू और उनके जैसे अन्य नेता जो जे पी के आन्दोलन से निकले थे उन्होने सत्तासीन होने के बाद भृष्टाचार के सभी कीर्तमान धव्सत कर दिये और आप पार्टी भी उसी रास्ते पर ही चलती दिख रही है, क्योकि उसमें अगर कोई बी जे पी और कान्ग्रेस से आ गया तो ईमान्दार और पवित्र हो गया नही तो बेईमान है ! क्या नही प्रतीत हो रहा है कि भ्रम की एक बहुत बड़ी साजिस चल रही है ! आज के समय में सिर्फ एक ही पार्टी है बी जे पी जिसके कार्यकर्ताओं का जन्म राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठन की विचारधारा से प्रेरना लेकर होता है, जिसको न तो विदेशो से पैसा मिलता है और न ही कोई विदेशी कभी भी इस संस्था को प्रभावित कर सकता है.....जय भारत !

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