Thursday, October 17, 2013

वाई-फाई' के मुकाबले चीन का 'लाई-फाई'

अब बल्ब से चलेगा इंटरनेट! 'वाई-फाई' के मुकाबले चीन ने उतारा 'लाई-फाई'..
चीन के वैज्ञानिकों ने ऐसी खोज की है जो इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में एक क्रांतिकारी साबित हो सकती है। एक ऐसा तरीका खोज निकाला गया है जिससे इंटरनेट यूज करने के लिए सिग्नल रेडियो वेव्स के जरिए नहीं, बल्कि लाइट बल्ब्स के जरिए भेजे जाएंगे। इस तरह से ऑनलाइन कनेक्टिविटी का तरीका ही बदल जाएगा। 

शंघाई की फुडान यूनिवर्सिटी में आईटी प्रोफेसर शी नान ने बताया, 'रेडियो फ्रिक्वेंसी के बजाए अगर लाइट को कैरियर बनाया जाए तो एक वॉट के एलईडी बल्ब से 4 कंप्यूटर इंटरनेट से कनेक्ट हो सकते हैं।' यह खोज करने वाली टीम की हेड शी कहती हैं कि माइक्रोचिप्स से लेस एलईडी बल्ब 150 मेगाबिट्स प्रति सेकंड तक का डेटा रेट पैदा कर सकता है, जो कि ऐवरेज ब्रॉडबैंड स्पीड से ज्यादा है। 

यूके की यूनिवर्सिटी और एडिनबर्ग के हैराल्ड हास ने इस टेक्नॉलजी को लाइ-फाइ (Li-Fi) का नाम दिया है। लाइट कम्यूनिकेशन होने की वजह से वाई-फाई (Wi-Fi) की तर्ज पर यह नाम दिया गया है।

लाइ-फाइ न सिर्फ तेज है, बल्कि सस्ता भी है। 5 नवंबर को शंघाई में होने वाले चाइना इंटरनैशनल इंडस्ट्री फेयर में लाइ-फाइ के 10 सैंपल पेश किए जाएंगे। फिर भी कमर्शली लॉन्च होने से पहले अभी इसमें कई तरह के सुधार होने हैं। इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर लाइट में कहीं से कोई रुकावट आती है, तो सिग्नल टूट जाता है।


http://navbharattimes.indiatimes.com/tech/computer-mobile/new-discovery-dubbed-as-li-fi-to-replace-wi-fi-in-china/articleshow/24292575.cms


वाई-फाई' के मुकाबले चीन का 'लाई-फाई'

Light
एलईडी बल्ब से चलेगा इंटरनेट। (Image Courtesy: GettyImages.in)
पेइचिंग।। चीन के वैज्ञानिकों ने ऐसी खोज की है जो इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में क्रांतिकारी साबित हो सकती है। एक ऐसा तरीका खोज निकाला गया है जिससे इंटरनेट यूज करने के लिए सिग्नल रेडियो वेव्स के जरिए नहीं, बल्कि लाइट बल्ब्स के जरिए भेजे जाएंगे। इस तरह से ऑनलाइन कनेक्टिविटी का तरीका ही बदल जाएगा।

शंघाई की फुडान यूनिवर्सिटी में आईटी प्रफेसर शी नान ने बताया, 'रेडियो फ्रिक्वेंसी के बजाए अगर लाइट को कैरियर बनाया जाए तो एक वॉट के एलईडी बल्ब से 4 कंप्यूटर इंटरनेट से कनेक्ट हो सकते हैं।' यह खोज करने वाली टीम की हेड शी कहती हैं कि माइक्रोचिप्स से लेस एलईडी बल्ब 150 मेगाबिट्स प्रति सेकंड तक का डेटा रेट पैदा कर सकता है, जो कि ऐवरेज ब्रॉडबैंड स्पीड से ज्यादा है।

यूके की यूनिवर्सिटी और एडिनबर्ग के हैराल्ड हास ने इस टेक्नॉलजी को लाई-फाई (Li-Fi) का नाम दिया है। लाइट कम्यूनिकेशन होने की वजह से वाई-फाई (Wi-Fi) की तर्ज पर यह नाम दिया गया है।

लाई-फाई न सिर्फ तेज है, बल्कि सस्ता भी है। 5 नवंबर को शंघाई में होने वाले चाइना इंटरनैशनल इंडस्ट्री फेयर में लाई-फाई के 10 सैंपल पेश किए जाएंगे। फिर भी कमर्शली लॉन्च होने से पहले अभी इसमें कई तरह के सुधार होने हैं। इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर लाइट में कहीं से कोई रुकावट आती है, तो सिग्नल टूट जाता है।
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