Wednesday, September 25, 2013

मिशन इस्लाम

हिन्दुओं एक हो-जातिवाद तोडों

पुस्तक मेले में मिशन इस्लाम वाले मिले थे।
कुछ प्रश्न पूछे झुंझला उठे।
एक दो प्रश्न को यहाँ पर लिख रहा हूँ।
१. अगर एक नमाज़ पढ़ते हुए शिया को आत्मघाती हमले में एक सुन्नी बम्ब से मार डाले तो दोनों में से जन्नत कौन जायेगा और दोज़ख में किसे प्रवेश मिलेगा?
२. अल्लाह का एक नाम रहीम हैं अर्थात रहम करने वाला। यह बताओ की अल्लाह को क्यूँ रहम नहीं आता की जो ईद के दिन अपनी खुशामद के लिए लाखों निरपराध प्राणियों की गर्दन पर तलवार चलवा देता हैं?
३. अगर कुरान के अनुसार अल्लाह ने सभी जानवरों को भोजन के लिए बनाया हैं तो फिर क्यूँ गर्दन काटते समय सभी जानवर चिल्लाते हैं, रोते हैं और उन्हें दर्द होता हैं, क्यूँ अपनी प्राण रक्षा करने के लिए प्रयास करते हैं। अल्लाह की बनाई हुई सृष्टी में कोई दोष नहीं हैं फिर यह दोष क्यूँ?
४. विकासवाद को अधर बनाकर मुस्लिम लोग कहते हैं की वेद पुराने समय के लिए थे आज के लिए कुरान हैं। चलो एक बार विकासवाद को भी मान लेते हैं फिर यह बताओ की कुरान के आने के बाद मनुष्य का विकास क्यूँ रुक गया जो आप उसे last एंड final किस आधार पर मानते हैं?
५. माँस खाने के पीछे कुतर्क देते हैं की अगर जानवरों को नहीं खायेगे तो वे इतने बढ़ जायेगे की धरती पर स्थान नहीं बचेगा। कल को मनुष्य की जनसँख्या का भी यही समाधान आप लोगो ने ढूंढा हैं क्या?
६. ओसामा बिन लादेन की लाश को मरने के बाद समुद्र में फैक दिया गया और उसकी लाश को मछलियाँ खा गई। अब यह बताओ कयामत के दिन किस कब्र से उसकी रूह हिसाब किताब देने के लिए निकलेगी? मतलब ओसामा बिन लादेन को न जन्नत मिली न दोज़ख।
७. अगर एक १ वर्ष का बच्चा अकाल मृत्यु से मर जाये तो जन्नत में जाकर वह जवान ७२ हूरों की क्या गोदी में खेलेगा? अगर हाँ तो उन हूरों की प्यास कौन बुझायेगा?
८. इस्लाम को मानने वालो के अनुसार मुहम्मद साहिब बड़े बड़े चमत्कार दिखाते थे जैसे चाँद के दो टुकड़े करना इत्यादि। जब मुहम्मद साहब के नवजात लड़के की अकाल मृत्यु हो गई तब वह क्यूँ फुट-फुट कर रोये, अपने बच्चे को चमत्कार से वापिस जिन्दा क्यूँ नहीं कर दिया?
९. मुहम्मद साहिब ने ३२ निकाह स्वयं किये और अनेक गुलाम बंदियाँ को पनाह दी मगर उन्होंने एक पाक मुस्लमान के लिए ४ ही निकाह क्यूँ बताये, उससे अधिक ३२ विश्व में केवल निकाह क्यूँ नहीं बताये?
१०. गुलाम बनाने की कुप्रथा विश्व में केवल और केवल इस्लाम मत की धर्म पुस्तक और इतिहास में मिलती हैं। मानवाधिकार के तराजू में इस कुप्रथा को किस आधार पर सही ठहराया जा सकता हैं?

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