Tuesday, September 17, 2013

1984 का सिख विरोधी दंगा

देश का राष्ट्रपति , उपराष्ट्रप्ति , प्रधानमन्त्री , गृह मंत्री , देश के मुख्य न्यायधीश दिल्ली में , देश के बड़े बड़े एडिटर दिल्ली में ,दिल्ली पुलिस के साथ अर्धसैनिक बल और सेना भी दिल्ली में फिर भी इसके बावजूद 1984 का सिख विरोधी दंगा पुरे तीन दिन चला और 3000 लोग मारे गए , क्या यह बिना सरकार के सम्भव है ? किसी पुलिस अफसर , किसी विधायक , किसी सांसद , किसी मंत्री को सजा हुई ? फिर सजा देनी तो एक तरफ दंगे के सबसे बड़े दोषी राजीव गांधी को तो दंगा पचाने के लिए भारत रत्न ही दे दिया गया | राजीव गांधी को भारत रत्न पाने के लिए सिख विरोधी दंगे के अलावा मेरठ दंगा (1987) , भागलपुर दंगा (1989) , अहमदाबाद दंगा ( 1985) , अहमदाबाद दंगा (1986) भी पचाने पड़े हैं | इन सब दंगों के बावजूद कौन राजीव गाँधी , गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी को सेकुलर नहीं मानता ? इन दंगों में किसी बड़े राजनेता , पुलिस अधिकारी को सजा हुई हो तो बताओ ? कभी किसी मुस्लिम संगठन , मानाधिकार वालों को इन दंगों के पीड़ितों के लिए न्याय मांगते सुना ?

यूपी में मुस्लिम वोट के लिए कांग्रेस और सपा में गला काट संघर्ष चल रहा है , आज सोनिया , राहुल और मनमोहन सिंह दंगा पीड़ितों से मिलने गए , मिडिया कैसे विजूअल दिखा रहा है , दंगा पीड़ितों के नाम पर सिर्फ मुसलमान दिखाए जा रहे हैं , एक चैनल तो प्रधानमंत्री के हाथ पर अपना सर टेक कर एक मुसलमान को रोता हुआ दिखा रहा है , क्या दंगों में हिन्दू पीड़ित नहीं होता ? अभी तक मिडिया ने दंगे से पीड़ित किसी हिन्दू शरणार्थी शिविर का विजूअल दिखाया ?

मुसलमान वोट को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस और सपा अभी और भी दंगे कराएंगे , सपा के राज में पिछले एक साल में तीन दर्जन से ज्यादा दंगे हो चुके हैं और कांग्रेस को तो दंगे पचाने में महारत हासिल है | वैसे भी सेकुलर नेता और सेकुलर दल कब से दंगों के लिए दोषी होने लगे , एक साम्प्रदायिक गर्दन तो हमेशा से सेकुलरों के पास है , जिस मर्जी दंगे का दोष उस पर मढा जा सकता है |

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