Friday, June 7, 2013

हिंदुस्तान में सूफियों द्वारा सांस्कृतिक हमलों का इतिहास



हिंदुस्तान में सूफियों द्वारा सांस्कृतिक हमलों का इतिहास .......

यह बात तो लगभग हर किसी को मालूम है कि...... महमूद गजनवी ने 1001 से 1029 तक भारत में 17 बार आक्रमण किया.....!

लेकिन... अफ़सोस कि.... आज भी महमूद गजनवी को इतिहास में एक लुटेरे के तौर पर बताया जाता है...... जबकि ""महमूद गजनवी कोई लुटेरा नहीं""....... बल्कि.... अजमल कसाब की ही तरह एक ""इस्लामी जेहादी"" था...!

और यह बात बहुत कम लोगों को मालूम है कि...... महमूद गजनवी ने शपथ ली थी..... वो हिंदुस्तान से मूर्ति पूजा के सारे निशान मिटा कर .... हिंदुस्तान के सभी निवासियों को मुस्लिम बना देगा....!

अपने इसी उद्देश्य की प्राप्ति हेतु.... महमूद गजनवी ने तलवार के साथ साथ...... सूफियों का भी सहारा लिया ..... ताकि, हिंदुस्तान पर सैनिक के साथ साथ....... सांस्कृतिक हमला भी किया जा सके...!

इस तरह.... महमूद गजनवी के आक्रमण के साथ साथ..... मध्य एशिया से बहुत सारे...... सुन्नी, सूफी, फ़क़ीर इत्यादि भारत में बसने प्रारंभ हो गए और ग्यारहवीं शताब्दी तक पंजाब और उसके उसके आस-पास सूफी और फ़क़ीर बहुत तादात में आकर बस गए....!

मेरे कल के लेख में एक सेकुलर ने आपत्ति की थी कि.... सूफी लड़ाकू नहीं होते थे.....

तो... उसके जबाब में मेरा सबूत यह है कि.....

बंगाली लड़ाकू सूफियों में एक प्रमुख नाम .... शेख जलाल का है ... जो जन्म से एक तुर्किस्तानी था.... और.... सिलसिले ख्वाज्गान के सैय्यद अहमदी मसावी का खलीफा था...... और, वह अपने साथ 700 लड़ाके सूफियों को लेकर तुर्क से हिंदुस्तान में इस्लाम के प्रचार के लिए चला था....!

रास्ते में वो हर राज्यों से युद्ध करता और राज्यों को लुटता हुआ आगे बढ़ता गया...... और, लुटे हुए प्रदेशों में अपने कुछ लड़ाकों को छोड़ता गया...... जिन्होंने.... वहां की हिन्दू औरतों से विवाह कर इस्लाम को प्रचारित करना शुरू कर दिया...!

इस तरह युद्ध करता हुआ वो शेख जलाल .... अपने 313 साथियों के साथ .... सिलहट पहुंचा और वहां उसने राजा गौढ़ गोविन्द की सेना को पराजित कर उस पर अधिकार लिया... और, वो तथा उसके सभी साथी.... वहां के हिन्दू औरतों से शादी कर ..... वहीँ बस गए...!

बाद में उन्होंने .... धीरे धीरे अपने झूठे चमत्कारों के किस्से प्रचारित करना प्रारंभ कर दिया...... जैसे कि... ये शेख रोज सुबह का नमाज मक्का से पढ़ कर आता है..... वगैरह वगैरह...!

इस तरफ.... ये सूफी.... हिंदुस्तान में कुछ सालों तक.... हाथों में तलवार लेकर युद्ध करते थे..... और, बाद में... अपने झूठे चमत्कारिक किस्से प्रचारित करते हुए... उस क्षेत्र के आदरणीय बन बैठते थे....!

18 शताब्दी तक..... ये सूफी.... गुजरात, महाराष्ट्र वगैरह तक फ़ैल चुके थे...... और, वहां उन्होंने अपना खानकाहें स्थापित कर लिए थे...!

इस तरह.... सूफियों ने अपने पूर्वजों द्वारा फारस.... और, तुर्क के इस्लामीकरण के अनुभव को भारत में ...... अच्छी तरह उपयोग किया..... और, धीरे धीरे हिंदुस्तान का इस्लामीकरण प्रारंभ कर दिया....!

यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह कि..... इन सूफियों ने ना सिर्फ भारत के हिन्दुओं...बौद्धों.... और जनजातियों का बड़े पैमाने पर धर्मान्तरण का कार्य किया.... बल्कि.... ये बंगाल होते हुए..... पूर्वी एशिया के .... हिन्दू -बौद्ध उपनिवेशों ... जैसे कि जावा... सुमात्रा .. मलाया जैसे देशों का पूर्ण इस्लामीकरण करने में सफल हो गए....!

ये सूफी.... और.... शिरडी वाले साईं बाबा..... हमारे हिंदुस्तान पर सांस्कृतिक हमला कर..... खुद को भगवान् के रूप में इसीलिए स्थापित कर पाए ...... क्योंकि.... उस समय वेदों और उपनिषदों के काल का जगतगुरु हिंदुस्तान.... अपने अनमोल ज्ञान को को भूल कर.... अन्धविश्वास, जातिवाद और छुआ-छूत जैसी कुरीतियों का शिकार हो चुका था.... और, यहाँ शांति और मोक्ष प्राप्ति के सहज और सरल उपाय बताने के नाम पर ढेरों..... छदम वेशधारी साधू -सन्यासी , औघड़ और तांत्रिको की उत्पत्ति हो चुकी जिन्होंने अपने अपने नाम का संप्रदाय बना रखा था...!

उस समय हिंदुस्तान में .....वैदिक काल की तरह ..... ना तो कोई केन्द्रीय राज शक्ति रह गयी थी..... ना ही कोई केन्द्रीय धार्मिक शक्ति....!

उस समय में..... हिंदुस्तान में रोज ही नए-नए देवी-देवता ... नयी-नयी पूजा पद्धति ....नयी ध्यान विधि .. नए नए अवतारों और नयी संस्कृतियों का आविष्कार हो रहा था..... जिसका ... इन साईं बाबा जैसे लोगों ने भरपूर फायदा उठाया और.... तथाकथित रूप को स्वयं को ही भगवान के रूप में प्रस्तुत कर दिया....!

लेकिन.... सबसे आश्चर्य की बात तो ये है कि..... आजतक किसी ने भी इन सूफियों की हकीकत जानने की कोशिश तक नहीं की....... और, उन जेहादी सूफियों को ही अपना भगवान.... और, भगवान का अवतार माने बैठे हैं.....!

आज .......तथाकथित रूप से बुद्धिजीवी हिन्दुओं के मूर्खता का आलम तो ये है कि....... वे अज राम-कृष्ण ..... और देवों के देव महादेव..... की आराधना के स्थान पर....... शिरडी वाले साईं बाबा.... अजमेर शरीफ के दरगाह..... इत्यादि में चादर चढ़ाना ... ज्यादा पुण्य-प्रताप का काम मानते हैं.....!

लेकिन.... एक बात याद रखें..... अंध-भक्ति..... और , अन्धविश्वास के कारण..... कभी सबसे सुसंस्कृत और जगतगुरु रहा हिन्दू समाज ...... खुद का ही सर्वनाश कर..... हिंदुस्तान के इस्लामीकरण को बढ़ावा दे रहा है....!

जागो हिन्दुओं..... कहीं ऐसा ना हो की..... देर हो जाए..... और... बाद में सिवाए पछताने के ....और , कुछ भी ना बचे.....!

जय महाकाल....!!!

No comments:

Post a Comment

Paid मीडिया का रोल

क्या मोदी सरकार पिछली यूपीए सरकार की तुलना में मीडिया को अपने वश में ज्यादा कर रही हैं? . यह गलत धारणा पेड मीडिया द्वारा ही फैलाई गयी है ...