Thursday, June 27, 2013

इन प्रश्नो का उत्तर दे

साई उर्फ चाँद मिया को राम बना कर उनकी की पूजा कर के सीता माँ तक को कलंकित कर रहे किसी भी हिंदू बस मेरे इन प्रश्नो का उत्तर दे और मुझ मे खुद से बड़ा धर्म द्रोही होने का सबूत ले....

१- साई का दिया नारा ""सब का मलिक एक"",, आख़िर वो *एक* है कौन ??
२- साई 1992 के श्री राम आंदोलन के बाद से ही मुख्य चर्चा मे क्यो आए ???
३- साई का नाम राम के ही साथ क्यों जुड़ा ?? शिव, ब्रह्मा, इंद्र, वरुण, अग्नि आदि देव के साथ क्यों नही ??
४- साई अगर राम हैं तो उनका कोई भक्त अपने घर की किसी की अर्थी के पीछे साई नाम सत्य है का नारा क्यों नही लगाता ?? उस समय सिर्फ़ राम नाम सत्य है क्यों बोला जाता है ??
५- अगर साई देव है तो आज तक किसी देव ने किसी अन्य देव के नाम का सहारा नही लिया था या किन्ही २ देव का नाम एक साथ नही जुड़ा जैसे शिव - विष्णु कभी नही रहा, इंद्र - ब्रह्मा कभी नही, वरुण - अग्नि कभी नही, अगर साथ रहा है तो उनकी धर्मपत्नियों के नाम जैसे भवानी - शंकर, सीता - राम, राधा - कृष्ण, रति - इंद्र फिर आख़िर साई - राम कैसे ?? क्या देवताओं ने खुद का नियम बदल दिया ???
६-अगर साई श्री राम हैं तो इस हिसाब से ये भगवान विष्णु के अवतार हुए,,, फिर क्या हमारी माता लक्ष्मी छीर सागर मे इनके ही पैर दबा रही हैं ??

आख़िर बार बार इन्होने मेरे राम को ही निशाना क्यों बनाया.. क्यों की 1992 मे अगर हिंदू कभी संगठित हुआ तो सिर्फ़ श्री राम के नाम पर... अगर दुनिया ने हिंदुत्व का जलवा देखा था तो बस मेरे राम के नाम पर... अगर आज तुम राम से डोर ना हुए होते, अगर वही जलवा आज तक होता तो आज अमेरिका भी हमारे कदमो मे गिरा होता .. वो कमाल था मेरे राम का......इसलिए बार बार मेरे राम के नाम को लक्ष्य बनाया गया.. कभी पेरियार नाम के शैतान की सच्ची रामायण बना कर तो कभी चाँद मिया को साई राम बना कर...मैं चुनौती देता हू तुम पूरे साई समाज को.. तुम हिंदू हो ही नही सकते.. और अगर हो भी तो हिंदुत्व के लिए सतयुगी रावण , द्वापर युगी कन्स और कलयुगी दिग्विजय से ज़यादा ख़तरनाक हो.....और हाँ,, साई (चाँद मिया) को श्री राम कहना सूरज पर थूकने की कोशिश करने के समान है जहा सूरज नही बस तुम्हारा वो मुह गंदा होगा जिस मुह से तुम साई को राम कह रहे हो......हे माँ सीता इन्हे कभी क्षमा मत करना क्यों की इनको अभी भी आप की अग्नि परीक्षा चाहिए........जय श्री राम.. जय जय श्री राम....

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