Thursday, May 2, 2013

दिग्विजय के बेटे की व्यथा? पापा तुम कब मरोगे?

दिग्विजय के बेटे की व्यथा?

पापा तुम कब मरोगे?

दुनिया के बाप मर रहे हैं, तुम्ही रह गए बस...
चमचई के सर्वोत्तम शिखर पर पहुँच गए हो भला अब क्या चाहिए
पहले ही इतने कुकर्म कर ही चुके हो की आराम से बीस तिस साल तक गालिया सुनते रहोगे !!
फिर ज़िंदा रह के भी क्या उखाड़ लोगे ..

पापा तुम कब मरोगे?

आप मर जाते तो हमें अनाथ होने की सहानुभूति मिलती,
आपकी तेरहवी पर कपडे सपड़े मिलते...
कही और से ना सही मगर ओसामा अंकल और पकिस्तान भी हमें कुछ जकात फितरा मिल जाता ...
आप कब तक हमें इन सुविधाओं से मरहूम रखोगे ?

पापा तुम कब मरोगे

आप को कसाब भैया की कसम आपको मरना पडेगा !
आप शान्ति से मर जाए वरना शहीदों की विधवाओं से इतनी बददुवा मिल रही की अगले साल आपका कुत्ते की मौत मरना तय है
हे पिताजी इन पवित्र बददुवाओं से कैसे बचोगे ?

पापा तुम कब मरोगे

आपको तो पता ही है की आपको लोग कुत्ता कहने लगे हैं ...
पता नहीं क्यों पर मुझे भी आपके कुत्ता होने का यकीन होने लगा है ....
क्या मै कुत्ते की औलाद हूँ ??....
हे पिताजी आप ही बताएये की क्या मै कुत्ते की औलाद हू ???....
आप हमें "कुत्ते के बच्चे" की गालियों से मुक्त कब करोगे?

पापा तुम कब मरोगे ।।।।

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