Thursday, May 23, 2013

पूर्वी लदाख का क्षेत्र जहाँ पर चीनी सेना घुसपैठ


पूर्वी लदाख का क्षेत्र जहाँ पर चीनी सेना घुसपैठ कर रही थी वो क्षेत्र प्राकृतिक संसाधन जैसे खनिज और रेडियोधर्मी ईंधन जैसे उरेनियम और थोरियम से समृद्ध है | सामरिक विशेषज्ञों का केहना है के इस क्षेत्र में चीन की रुचि के पीछे के कारणों में से यह एक हो सकता है | 6 साल पूर्व इस क्षेत्र मे रेडियोधर्मी ईंधन का अविष्कार हुआ जिसमे उरेनियम का रिज़र्व बहुत नवीन है पर थोरियम की गुणवत्ता बहुत उत्तम है, प्रयोगशाला के अनुसार थोरियम की उपलब्धता 5.36% है जबकि देश के दुसरे क्षेत्र मे सिर्फ 0.1% है | 10000-15000 वर्गकिलोमीटर मे फैला हुआ श्योक घाटी का क्षेत्र भूतापीय बोरेक्स और सल्फर से समृद्ध है, इसलिए यहाँ जमीन से थर्मल निर्वहन बिजली में परिवर्तित किया जा सकता है | इस क्षेत्र मे जमीन के निचे पारा, लोहा, निकल और कोयला भी हो सकता है |

लद्दाख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के द्वारा नियंत्रित है तो विशेष कानूनों के जरिये खनन और अन्वेषण कार्य नियंत्रित होता है , जिसके लिए राज्य से लाइसेंस की आवश्यकता होती है |

दक्षिण - पूर्व लद्दाख के हानले मे भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान है जिसमे विश्व के सबसे ऊंचे वेधशाला है जो एक रणनीतिक परिसंपत्ति है |

पूर्वी लद्दाख पश्मीना फाइबर में भी समृद्ध है जो जम्मू और कश्मीर के सरकार को सालाना 30-40 करोड़ रूपए राजस्य देता है |

अधिक जानकारी के लिए यहाँ देखे : http://www.sunday-guardian.com/news/area-under-chinese-control-rich-in-thorium
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