Friday, April 19, 2013

दिल्ली में ५ साल की बच्ची के साथ बलात्कार हुआ - where is Sheila Dixit?

जिनकी औकात नहीं पखाना साफ़ करने की भी वो देश के प्रधानमन्त्री बने बेठे है...

देश की बचिया सुरक्षित केसे रह सकती है............................?

शीला की दिल्ली आज फिर से शर्मशार हुई हैं >>>>>>>

दिल्ली सरकार की सफलतम योजना....... "शीला बलात्कार योजना" के तहत एक और बलात्कार सामने आया हैं| दामनी-केस के बाद अब तक लगभग 150 रेप दिल्ली मे शीला की देख-रेख मे सम्पन्न हो चुके हे

अब देखते जाइए क्रीम-पाउडर लगा कर महिला-आयोग की सुंदर सी 'महिला' शीला की जवानी की कसम खा कर मोदी-भाजपा-आरएसएस को जिम्मेदार ठराएंगी, तो दूसरी तरफ इंसानियत के ठेकेदार फिर से मोमबत्ती जला के बलात्कार पीडिता को न्याय दिलवाएंगे | इस बार तो अनशन की भी खूब डिमांड हैं, हो सकता हे कि खुजलीवाल-गेंग को भी काम मिल जाए ....... अरे भाई चुनाव नजदीक जो हे

हो रहा भारत निर्माण........... जय श्री राम

गुजरात में अगर कोई घटना हो तो मोदी जिम्मेदार-मीडिया
और अगर घटना दिल्ली में होतो समाज जिम्मेदार
तो फिर दिल्ली में सरकार क्या लहसुन छीलने के लिए हे


मिडिया और कांग्रेस के अनुसार गुजरात में एक पत्थर भी इधर उधर हो जाये तो उसमे मोदी जी का हाथ है... और दिल्ली में पांच साल की"गुड़िया" का रेप हुआ है उसमे समाज जिम्मेदार है.. अगर यही रेप गुजरात में हुआ होता तो मीडिया औरकोंग्रेस अब तक मोदी जी के इस्तीफे के साथसाथ उनका सर भी मांग लेती...

दिल्ली में ५ साल की बच्ची के साथ बलात्कार हुआ , ये बहुत ही घिनौना और निंदनीय कृत्य है, इसके लिए तो फांसी की सजा भी कम है.........

परन्तु रेप जैसे संवेदनशील मामले पर "आम आदमी पाटी" के कार्यकर्ताओं का उसमें भी वोट पाने की जुगाड़ देखना , ये वाकई में "आम आदमी पार्टी" के कार्यकर्ताओं का चुल्लू भर पानी में डूब के मर जाने जैसा होगा.............!!!!

जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही उस बच्ची के पेट से डॉक्टरों को प्लास्टिक की शीशी और मोमबत्ती मिली हैं। रेप की शिकार बच्ची के पिता ने एक बड़ा खुलासा किया है। उसके मुताबिक सोमवार को ही बच्ची के लापता होने की रिपोर्ट पुलिस के पास दर्ज कराने गया था लेकिन पुलिस ने उसे 'चुप रहने' के लिए 2000 रुपये देने को कहा था। हालांकि पुलिस इससे इनकारकर रही है। लेकिन हद तो तब हो गई जब राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा से पूछा गया कि वह इस मामले में क्या कार्रवाई करेंगी। ममता शर्मा का जवाब था, 'आज छुट्टी का दिन (रामनवमी) है। हम इस पर कल कार्रवाई करेंगे।'


जब तक देश के लोगो को शार्लीन चोपडा और सन्नी लिओन जेसी रजिस्टर्ड सरकारी वेश्यायो की नग्नता के बारे मे मीडिया और टीवी जागरूक करती रहेगी तब तक एसे पाप कमजोर और मासूम बच्चीयो और महिलयो के साथ होते रहेंगे.............


नारी ने अपने को सिर्फ भोग की वस्तु बनाकर आखिर क्या पाया ?=====
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जब वोडाफोन के एक विज्ञापन में दो पैसो मे लड़की पटाने की बात की जाती है तब कौन ताली बजाता है?

हर विज्ञापन ने अध्-नंगी नारी दिखा कर ये विज्ञापन एजेंसिया / कम्पनियाँ क्या सन्देश देना चाहते है इस पर कितने चेनल बहस करेंगे ?

पेन्टी हो या पेन्ट हो, कॉलगेट या पेप्सोडेंट हो, साबुन या डिटरजेण्ट हो , कोई भी विज्ञापन हो, सब में ये छरहरे बदन वाली छोरियो के अधनंगे बदन को परोसना क्या नारीत्व के साथ बलात्कार नहीं है?

फिल्म को चलाने के लिए आईटम सॉन्ग के नाम पर लड़कियो को जिस तरह मटकवाया जाता है या यू कहे लगभग आधा नंगा करके उसके अंग प्रत्यंग को फोकस के साथ दिखाया जाता है वो स्त्रीयत्व के साथ बलात्कार करना नहीं है क्या?

पत्रिकाए हो या अखबार सबमे आधी नंगी लड़कियो के फोटो किसके लिए और सिखाने के लिए भरपूर मात्रा मे छापे जाते है? ये स्त्रीयत्व का बलात्कार नहीं है क्या?

दिन रात , टीवी हो या पेपर , फिल्मे हो या सीरियल, लगातार स्त्रीयत्व का बलात्कार होते देखने वाले, और उस पर खुश होने वाले, उस का समर्थन करने वाले क्या बलात्कारी नहीं है ?

संस्कृति के साथ , मर्यादाओ के साथ, संस्कारो के साथ, लज्जा के साथ जो ये सब
किया जा रहा है वो बला त्कार नहीं है क्या? निरंतर हो रहे नारीत्व के बलात्कार के
समर्थको को नारी के बलात्कार पर शर्म आना उसी तरह है जैसे मांस खाने वाला , लहसुन प्याज पर नाक सिकोडे

जिस देश में"आजा तेरी _ मारू , तेरे सरसे _ का भूत उतारू"जैसा गाना गाने वाला हनीसिंह ,सीरियल किसर कहे जाना वाला इमरान हाशमी, और इसी तरह का नंगा नाच फैलाने वाले भांड युवाओ के"आइडल"बन रहे हो वहा बलात्कार और छेडछाड़ की घटनाए नहीं तो और क्या बढ़ेगा?

कुल मिलाकर मेरे कहने का अर्थ ये है भाई कि, जब हम स्त्रीयत्व का सम्मान करना सीखेंगे तभी हम नारी का सम्मान करना सीख पाएंगे। इस तरह के काम करने वाली नारियाँ नारी जाति के नाम पर एक धब्बा हैँ जो जितनी जल्दी मिट जाये अच्छा!!!




लगता है भारत सरकार देश को फिर एक रेप आन्दोलन में फसा के कोई बड़ा काम चोरी छुपे करने की योजना पर अम्ल कर रही है...........

जैसे "निर्भया रेप केस" एक हफ्ते बाद मीडिया ने हाईलाइट कर बूम पर चड़ाया और फिर सरकार के ही आदेश पर अचानक पुरे आन्दोलन की हवा निकाल आन्दोलन को कमजोर किया.........

इस केस को आन्दोलन का रूप देकर दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए "कांग्रेस" विरोधी वोटो के बटवारे के लिए "आप" पार्टी के लिए जमीन तैयार कराने का प्रयास भी साथ साथ...........

मनमोहन सिंह जैसे भ्रष्ट प्रधानमंत्री को जे पी सी द्वारा क्लीन चिट पर ज्यादा फजीहत न हो उसे दबाने में ये आन्दोलन मददगार साबित होगा.................

पर इससे बलत्कार की बडती घटनाओं पर कोई अंकुश नहीं लगेगा, "निर्भया" के अपराधी आज भी जीवित है................









दिल्‍ली हुई और ज्‍यादा असुरक्षित - where is Sheila Dixit?

ऐसा लगता है कि देश की राजधानी दिल्ली पर गुनाह का कब्जा हो गया है. ऐसा खुद दिल्ली पुलिस के आंकड़े ही कह रहे हैं.

इस साल के शुरू के 3 महीने में यहां इतने गुनाह हो गए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले कई सौ फीसदी तक ज्यादा हैं. 16 दिसंबर की वारदात और उसके बाद देशभर में महिला सुरक्षा को लेकर उठी आवाज के बावजूद पिछले तीन महीने में यौन उत्पीड़न और रेप की इतनी वारदात हुई है, जो पिछले साल से 590 फीसदी तक ज्यादा है.

दिल्‍ली हुई और ज्‍यादा असुरक्षित

क्राइम के आंकड़ों पर नजर डालें, तो साल के पहले तीन महीनों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. इनमें रेप में डेढ़ सौ फीसदी और छेड़छाड़ में 600 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा असुरक्षित जगह दिख रही है.

हर तरह के अपराध में इजाफा

एक जनवरी से 24 मार्च के दौरान हुए बाकी अपराध पर नजर डालें, तो अपहरण के मामलों में 53 फीसदी, डकैती के मामलों में 65 फीसदी और झपटमारी के मामलों में 73 फीसदी का इज़ाफा हुआ है.

मेरा सवाल ...

१. आईपीएल में अगर लड़की नहीं नाचेगी तो क्या मैच नहीं होगा

२. अगर उनकी जगह लड़के नाचे तो क्या आसमान फट जाएगा

३. क्या ये नारी की नग्नता और कामुकता का बाज़ार है

४. अगर औरत ही नाच रही है ..तो क्या चड्ढी- बनियान से ज्यादा कपडे बैन है?

भारतीय समाज को क्या दिखाना चाहते है ... की जीवन का हर कार्य .. औरत को पाने के लिए है ? हर विज्ञापन में येही दिखाया जाता है की ये सामान लोगे तो तुम्हे लड़की मिलेगी/पटेगी औरत को की निशाने और टारगेट में रख के हर कार्य होना चाहिए हर चीज को औरत के भोगवाद से जोड़ देना चाहते होपाश्चात्य संस्कृति को पूरी तरह स्लो-पाइजन की तरह दिया जा रहा हैमै इस कदम की घोर निंदा करती हु ..

....और सरकार से दरख्वास्त भी है ..की इस फूहड़ तरीके को बंद किया जाए !!


अभी एन.डी.टी.वी. पर कुछ फ़ेक लोग बैठकर पाँच वर्षिया बच्ची के साथ हुए बर्बर बलात्कार के बारे में फ़ेक बातें कर रहे थे। प्रोग्राम के ख़त्म होते ही जो पहला विज्ञापन स्क्रीन पर आया वो कोबरा डिओ का था। इसमें दिखाया गया कि इमरान हाशमी ने जैसे ही कोबरा डिओ लगाया, उसके बदन से कई लड़कियाँ लिपट गईं। मार्केट द्वारा स्त्री देह का बाज़ारीकरण भी एक बड़ा कारण है कि अधिकांश पुरुष स्त्री को केवल एक देह मानने लगे हैं।

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