Wednesday, April 17, 2013

कांग्रेस से बेहतर कोई सट्रटेजी पार्टी नहीं है भारत में.

कांग्रेस से बेहतर कोई सट्रटेजी पार्टी नहीं है भारत में. - समझे इसकी चाल

कांग्रेस की दशा और दिशा बाकी पार्टियों से हट कर है .भारत की सब पार्टियां एक तरफ और कांग्रेस एक तरफ . ये सब शायद खत्म हो जाएँ लेकिन कांग्रेस का वजूद कभी भी पूरी तरह नहीं मिट पाएगा. क्योंकि काँग्रेस की नींव ईतनी मजबूत है की इसे बडे से बडा भूकंप भी नहीं खत्म कर सकता इसको खत्म करने के लिए सुनामी की आवश्यक्ता है. और जिस दिन सुनामी आएगी ऊस दिन लोकतंत्र की अर्थी सज जाएगी. और उस दिन के बाद हिंदुस्तान में डिक्टेटर्शिप चलेगी और शायद वो डिकटेटर्शिप इस लोकतंत्र से बहतर हो. कुछ लोगों का मानना है की भाजपा कांग्रेस को मिटा सक्ती है लेकिन मुझे यकीन कम है क्योंकि भाजपा के ये चोथा जनम है.पहले तीसरी बार का मतलब समझा दूं आप को.........
ये तीसरा जन्म है भाजपा का
भारतीय जन संघ . फिर बनी जनता दल और अब भाजपा .
जनसंघ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने बनाई थी . . जनता दल जेपी ने बनाई थी.
और भाजपा दोनों पार्टियों से आये नेताओं ने बनाई अब जा के बनी है भाजपा आजतक साऊथ ईंडिया मॆं अपनी जमीन तलाश रही है. भाजपा की ताकत हिंदी भाशी स्टेटस हैं लेकिन उनको भी संभाल नहीं पाई है, भाजपा में लीडर बनाए कम जाते हैं भगाए ज्यदा जाते हैं . भाजपा की कांग्रेस के आगे स्टेटर्जी फेल है .भाजपा को यदी कांग्रेस को मिटाना है तो लीडर बनाने का काम करना होगा और लीडर बचाने का काम करने होंगे ना की करोडपती लीडर जंता पर थोपने होंगे. बात कांग्रेस की चल रही है तो कांग्रेस पर ही आता हूं.कांग्रेस इस लिए नहीं खत्म हो सक्ती क्योंकि इसे किसी भारतीय ने नहीं एक अंगरेज ने बनाया था और संसद भी अंगरेजो द्वारा ही बनाई गई थी. शायद आप को मेरी कही हुई बात बक्वास लगे गहराई से सोचिएगा सब समझ आजाएगा की मेरे कहने का क्या तातपर्य है. गाँधी जी भी कांग्रेस में थे , जेपी भी कांग्रेस में थे मोरारजी भी तो कांग्रेस में थे क्या ऊखाड पाए काँग्रेस का . गांधी का कहना था कांग्रेस को खत्म कर दो . मोरोरजी प्रधानमंत्री तक बने लोकिन मिटा पाए कांग्रेस को .जेपी ने तो क्रांती का बिगुल तक फूंका था कांग्रेस के खिलाफ.क्या मिटा पाए कांग्रेस को . प्रण्व मुखर्जी ने भी कांग्रेस छोडी थी अपनी पार्टी बनाइ थी लेकिन फिर से कांग्रेस मे आना पड़ा . इसी लिए पीएम नहीं बन पाए लेकिन वापिस आए इस लिए राष्ट्रपति बने .कांग्रेस को मिटाना असंभव है क्यों अब इस बात पर चर्चा करता हूं. क्योंकि कांग्रेस के पास स्टेट्रजी है. तो आप सोच रहे होंगे की वो क्या बाकी पार्टियों के पास नहीं है ,है औरों के पास भी है लेकिन उनके पास सिर्फ जनता के लिए स्टेटर्जी है पार्टी के लिए नहीं है लोकिन कांग्रेस के पास दोनों हैं .कांग्रेस देश की एक मात्र पार्टी है जहाँ कार्यकर्ता को पार्टी में बने रहने का फल मिलता है.आप चाहे कुछ ना करें सिर्फ पार्टी में बने रहें, पार्टी से बगावत ना करें आप को पार्टी एक दिन जरूर पुरूसकारित करेगी. और दूसरी पार्टी में आप कुछ ना करें तो आप का वजूद खत्म हो जाता है.कांग्रेस मॆं कभी कार्यकर्ता को निराश नहीं किया जाता हर कार्यकर्ता को अवसर दिया जाता है. रोटेशन पालिसी के अनुसार . कांग्रेस अपने पांच साल में इतने कार्यकर्ता को रोटेट कर देती है की दूसरी पार्टियाँ अपने यहां ऊतने नेता नहीं बना पाती. जितने कांग्रेस अकेले बना देती है.प्रधानमंत्री पद को छोड कर बाकी सबी पदों पर 2 से 3 बार मंत्री परिवर्तन (रोटेशन) किया जाता है.
ऊदाहरण को तोर पर..........सूचना मंत्रालय..
प्रिय रंजन दास मुंशी ...अंबिका सोनी.........मनीश तिवीरी कानून मंत्रालय...
हंसराज भरद्वाज
वीरप्पा मोली
सलमान खुर्शीद
अश्वनी कुमार
गृह मंत्रालय.....प्रण्व दा...पी..चीदंबरम....सुशील कुमार शिंदे..संसदीय मंत्री....पवन बंसल. .कमल नाथ.......
रेल मंत्री..........
ये तो कुछ हैं बाकी भी हैं ..ये बात तो हुई रोटेशन पालिसी की..इसी तरह एक और हा कार्यकर्ता बचाओ पालिसी..अभी हाल फिलहाल के उदाहरण ही दे रहा हूं जिस से आप को अच्छी तरह समज आ सके...हरीष रावत मुख्यमंत्री नहीं बनाए गए लेकिन पार्टी ना छोडने पर केंद्र में वाटर रिसोरसिस मंत्री का पद मिला....विजय बहुगुणा पार्टी में बने रहने का फल मिला मुख्यमंत्री बनाए गए. वीर भद्र सिंह आरोपों के बावजूद मुख्यमंत्री बनाए गए. कांग्रेस बाकी पार्टियों की तरह कार्यकर्ता को अकेले नहीं छोडती..उसे बचाने की कोशिश करती है जिस हद तक हो सके. ऊदाहरण कलमाडी, खुरशीद ,ज्यसवाल ,चिदंबरम इन सब पर आरोपों की बरसात है. भाजपा की तरह येदयुरप्पा को अकेले नहीं छोडा पूरा पूरा साथ दिया और प्रमोशन तक दी. कांग्रेस की एक बात जो मुझे कांग्रेस का मुरीद बनाती है. वो है कांग्रेस के जो विरोधी होते हैं कांग्रेस उन्हे भी अपने पाले मॆं डाल लेती है और दूसरी पार्टी के लिए हथियार बना कर उसे पेश करती है . महासचिव तक बनाया जाता है और अच्छे मंत्रालय में मंत्री पद दिया जाता है...............एक लंबी लिस्ट है

१- कपिल सिब्बल - कभी लालू यादव की पार्टी से राज्यसभा सांसद थे.. ये दिल्ली में नारे लगाते थे गली गली में शोर है राजीव गाँधी चोर है |

२- प्रणव मुखर्जी -- कभी राजीव गाँधी को भ्रष्ट और तानाशाह कहा था पार्टी ने भगा दिया था फिर इन्होंने अपनी खुद की दुकान खोली ली थी|
3 पी .चितंबरम -- कभी जनता दल में थे फिर कांग्रेस में गए फिर जी.के भुपनार के साथ मिलकर तमिल मनील बनाई और इन्होने भी राजीव तथा सोनिया को दुनिया का सबसे भ्रष्ट इंसान बोला था |
4 रेणुका चौधरी कांग्रेस - से तीन बार भगाई जा चुकी है | कभी चन्द्र बाबूनायडू के साथ रही और उस समय टीवी डिबेट पर तेलगु देशम की तरफ से कांग्रेस के प्रवक्ताओं से बकायदा हाथापाई पर उतर आती थी | आज फिर आज दुबार कांग्रेस की प्रवक्ता है |
5 - जयपाल रेड्डी -- बीपी सिंह के निकट सहयोगी, सारी उम्र कांग्रेस को गाली देते रहे ..आज फिर उसी कांग्रेस में केबिनेट मंत्री हैं |
6- सुबोधकांत सहाय -- ये भी बीपी सिंह, फिर चंद्रशेखर के साथ रहे.. सारी उम्र कांग्रेस को गाली देते रहे .. और आज केबिनेट मंत्री हैं |
7- पवन कुमार बंसल - तीन बार कांग्रेस छोड़ चुके थे आज मंत्री हैं |
8 - बेनी प्रशाद बर्मा -- सारी उम्र मुलायम के साथ कांग्रेस से लड़तेरहे . कांग्रेस को भ्रष्टों की जमात कहते थे आज फिर उसी कांग्रेस कीगोद में बैठकर मुलायम जी को आतंकवादी कहते हैं भ्रष्ट कहते हैं और इस्पात मंत्री हैं |
९ - रीता बहुगुणा जोशी -- तीन पार्टी बदल चुकी है, सपा में रही और सोनिया को विदेशी ताकतों का एजेंट कहती थी आज फिर कांग्रेस में है |
मित्रों, ऐसे ऐसे कांग्रेस में सैकडों नाम और भी हैं जिनको कभी ना कभी कांग्रेस से लताड कर भगा दिया गया था, संजय निरुपम शिवसेना जेसी कट्टर हिन्दू पार्टी से आये हैं और कांग्रेस महासचिव हैं .
जो कांग्रेस शिवसेना के साये से भी दूर रहना चाहती है . उसने शिवसेना से आये आदमी को महासचिव बना दिया और वापिस शिवसेना और भाजपा के विरुद्ध खड़ा कर दिया.
ऐसी नीतियों से कांग्रेस के पास कार्यकर्ताओं का अम्बार लग जाता है . मतलब की नेताओं का ढेर लग जाता है .
जिसके कारन कांग्रेस का एक साधारण सा कार्यकर्ता भी दूसरी पार्टी पर बहुत भारी पड़ता है . क्यूंकि कांग्रेस में रहते हुए उसे कोई न कोई पद रोटेशन पालिसी के तहत मिल ही जाता है . . कांग्रेस के पास लीडर्स की जमात है जो कभी न कभी मंत्री भी रह चुके होते हैं .जीस से उनका कद बड़ा दिखाई देता है . बाकि की बची खुची कसर जात ,धर्म की राजनीती से पूरी हो जाती है ..और जीत जाते हैं कांग्रेस के सिपाही ......
एक बात और जो मेने देखि है की बाबा रामदेव . केजरीवाल .भाजपा ये सब भी कांग्रेस की तरह प्लानिंग कर रहे हैं. कांग्रेस की तरह बन्ने की जो शायद कभी पूरी न हो सके क्यूंकि .कांग्रेस के पास लीडर्स की जमात है . और बाबा रामदेव के पास एक भी लीडर नहीं है .केजरीवाल के पास 2,3 हैं और भाजपा के पास 20,25 हैं . लेकिन कांग्रेस के पास नेशनल लेवल के 100 लीडर्स हैं . कांग्रेस की कम से कम 100 सीट फिक्स है बुरे से बुरे दोर में भी ......यदि इन सब को कांग्रेस से पंगा लेना है तो एक होना होगा . अलग अलग होकर ये कांग्रेस को और मज़बूत करेंगे जिस से कांग्रेस का जनाधार जो कम हो रहा है उस से उसे नुक्सान नहीं होगा .
हाँ और कुछ नहीं तो यदि भाजपा लीडर्स को बचाने का काम करे और लीडर बनाने का काम करे तो कांग्रेस को हिला सकती है ..
जिस तरह उमा भारती , कल्याण सिंह की घरवापसी हुई है . उसी तरह येदयुरप्पा का भी कोई हल निकालना होगा .
लेकिन कांग्रेस यदि पार्टी की तरह देश पर भी ध्यान दे तो शायद इस देश का बहुत भला हो सकता है . जो मैंने लिखा है वो अभी बहुत कम है लेकिन कुछ पॉइंट्स तो आप के सामने रखने में सफल रहा हूँ अब आप ही बताइये की कांग्रेस को मिटाना बहुत असंभव है की नहीं .कांग्रेस से बेहतर कोई सट्रटेजी पार्टी हो सकती है .

No comments:

Post a Comment

Paid मीडिया का रोल

क्या मोदी सरकार पिछली यूपीए सरकार की तुलना में मीडिया को अपने वश में ज्यादा कर रही हैं? . यह गलत धारणा पेड मीडिया द्वारा ही फैलाई गयी है ...