Saturday, April 20, 2013

कैसे पढ़े इलाको के मुस्लिम नाम


कैसे पढ़े इलाको के मुस्लिम नाम

प्रथम विश्व युद्ध में तुर्की पराजित हो गया था| वैश्विक इस्लाम मत का प्रमुख व्यक्ति जिसका पद खलीफा कहलाता था, वहां विराजता था| पराजय के बाद वहां के सैन्य प्रमुख मुस्तफा कमाल पाशा ने जिसे कमाल अतातुर्क कहा जाता है, सत्ता पर अधिकार कर लिया और उसने ---- खलीफा को तो अपदस्थ किया ही, अरबी भाषा, फैज टोपी, और बुर्के पर भी प्रतिबंध लगा दिया| इतना ही नहीं उसने इस्ताम्बूल की शाही मस्जिद जो पूर्व कोंस्टेंटिनपोल में सैंट सोफिया कहलाती थी, और जो वेटिकन के बाद ईसाई जगत की सबसे बड़ी पीठ थी को भी एक म्यूजियम बनाने की घोषणा कर दी और तुर्की को सेकुलर राष्ट्र घोषित कर दिया| सबसे विराट इस्लामिक ओटोमन साम्राज्य का भी विखंडन हो गया| -------- यह इस्लामिक जगत के लिए सबसे बड़ी अपमानजनक स्थिति थी| मुस्लिम जगत स्वयं को अपराजेय समझता था| यह पराजय उनके लिए बहुत बड़ा अविश्वसनीय झटका थी| भारत का इससे कोई लेना देना नहीं था पर मोहनदास गाँधी ने अली बंधुओं के साथ मिलकर कमाल अतातुर्क को तार द्वारा प्रार्थना की कि खलीफा को बहाल कर दिया जाए| कमाल अतातुर्क ने गाँधी की इस मांग को ठुकरा दिया| भारत में खलीफा को पुनर्स्थापित करने के लिए खिलाफत आन्दोलन चला जिसका गाँधी ने पूर्ण समर्थन किया| भारत से हजारों मुसलमान खलीफा के लिए लड़ने के लिए अफगानिस्तान के रास्ते से चले पर अफगानिस्तान में उन्हें वहां के मुस्लिम कबाइलियों ने ही लूट लिया| खिलाफत आन्दोलन पूर्ण विफल रहा| उसकी खीज में यानि उसका बदला लेने के लिए उत्तरी केरल और दक्षिण कर्नाटक में मोपला आन्दोलन हुआ जिसमें लाखों हिन्दुओं की ह्त्या कर दी गयी| गाँधी ने उन हत्यारों को अपना भाई कहा| हिन्दुओं को दो ही विकल्प दिए गए ------ या तो अपनी गर्दन कटवाओ या मुसलमन बनो| बलात धर्मपरिवर्तन के कारण ही वहां कई मुस्लिम बहुल क्षेत्र बन गए जिन्हें इंदिरा गाँधी ने मुस्लिम बहुल जिलों का रूप दे दिया

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