Friday, April 12, 2013

गुजरात में मुसलमान

गुजरात में मुसलमान

पेश किये जा रहे आँकड़े और तथ्य मनगढ़न्त नहीं हैं, बल्कि केन्द्र सरकार द्वारा गठित सच्चर कमीशन की रिपोर्ट में से लिये गये हैं. “गुजरात में मुस्लिमों पर इतने ज़ुल्म ढाये गये हैं कि -

* गुजरात के मुसलमान देश के बाकी सभी हिस्सों के मुसलमानों के मुकाबले शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के मामले में आगे निकल गये हैं…”

* "गुजरात" में मुस्लिमों का साक्षरता प्रतिशत 73%, जबकि बाकी देश में 59%.

* ग्रामीण गुजरात में मुस्लिम लड़कियों की साक्षरता दर 57%, बाकी देश में 43%.

* गुजरात में प्राथमिक पाठशाला पास किये हुए मुस्लिम 74%, जबकि देश में 60%

* गुजरात में हायर सेकण्डरी पास किये मुस्लिमों का प्रतिशत 45%, देश में 40%..

* शिक्षा सम्बन्धी सारे के सारे आँकड़े मुस्लिम हितों की कथित पैरवी करने वाले, मुस्लिमों के तथाकथित हितैषी पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश और बिहार से कोसों आगे हैं

* गुजरात के जिन गाँवों में मुस्लिम आबादी 2000 से अधिक है वहाँ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की उपलब्धता है 89%, जबकि बाकी देश में 70%

* जिन गाँवों में मुस्लिम आबादी 1000 से कम है वहाँ 53%, राष्ट्रीय औसत है 20%

* गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में मुस्लिमों की प्रति व्यक्ति आय 668 रुपये हैं, पश्चिम बंगाल में 501 रुपय , आंध्रप्रदेश में 610, उत्तरप्रदेश में 509, मध्यप्रदेश में 475 और मीडिया के दुलारे लालू द्वारा बर्बाद किये गये बिहार में 400 रुपये से भी कम है.

* गुजरात के शहरी मुस्लिमों के बैंक अकाउंट में औसत 32,932 रुपये की राशि है, जबकि यही औसत पश्चिम बंगाल में 13824/- तथा आसाम में 26,319/- है.
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मुस्लिमो को बीजेपी के नाम से डराकर अपना गुलाम वोटबैंक बनाकर रखने वाले तथाकथित सेकुलरों को गुजरात के मुस्लिमो की तरक्की देखकर इसी लिए घबराहट होती है कि यदि सारे देश के मुस्लिम गुजरात के मुस्लिमो की तरह शिक्षित और सम्पन्न हो गए तो उनको बरगलाना बहुत मुस्किल हो जाएगा

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