Friday, March 1, 2013

'भावी भारतीय क्रान्ति



ये तस्वीरें तथाकथित 'भावी भारतीय क्रान्ति' की पोल खोलती हैं.. और देशभक्तों के मुहं पर तमाचा सा मारती हैं कि देखो, देश के सहस्त्र वर्षों के मानसिक गुलाम नपुंसकों को... केवल दो लीटर पेट्रोल के लिए अपने जमीर से समझौता कर रहे हैं.??
ये वो लोग हैं जो तीन जून को जंतर-मंतर पर नही आयेंगे.??
ये वो लोग हैं जो पेट्रोल वृद्धि का विरोध करने संसद या सोनिया के घर के सामने नही जायेंगे.??
ये वो लोग हैं जो किसी गलत बात का और अन्याय का विरोध नही करते.??
ये वो लोग हैं जो मानसिक गुलाम और गाँधी के बनाये नपुंसक अहिंसक हैं.??
ये वो लोग हैं जो तथाकथित 'शरीफ' हैं और इन पर बच्चों और बहु-बेटियों की जिम्मेवारी है.??
ये वो लोग हैं जो अपनी जिम्मेवारियों और जीवन के हालातों का रोना रोते रहते हैं.??
ये वो लोग हैं जो सम्पूर्ण भाग्यवादी हैं और सरकार द्वारा किये गए कार्यों को भी 'भगवान की देन' समझकर झेलते हैं और किसी भी प्रकार का विरोध नही करते बल्कि सरकारी सहायता की उम्मीद भी रखते हैं.??
ये वो लोग भी हैं जो वोट डालने तो नही जाते पर कभी-कभार किसी चाय की दुकान पर मुफ्त का अखबार पढ़कर सरकार की नीतियों की आलोचना कर स्वयं के 'जागरूक नागरिक.??' होने का प्रमाण देने की कोशिश करते हैं.???

अन्याय और अत्याचार से समझौता कर उसे किस्मत मान लेने वाले कायर, आलसी अहिंसकों के देश में कभी इन्कलाब नही आ सकता.??
इन्कलाब वहां आता है जहाँ देश के हर मुख से आवाज आती है- 'इन्कलाब जिंदाबाद'
भारत में ना कभी क्रान्ति हुई है और ना ही होने की सम्भावना दिखती है.??
क्युकी जयचंदों और मीर कासिमों की औलादें देश को बर्बादी की दिशा में ले जा रही हैं और देश के गद्दार चोर-डकैत देश में ही साहूकार बनकर आनंद का जीवन जी रहे हैं.!!

'राष्ट्र सर्वप्रथम सर्वोपरि'
वन्दे मातरम्...

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