Friday, March 29, 2013

विदेशी कंपनी आयेगी तो हाई टेकनोलोजी देश में आयेगी

भारत सरकार का कहना है विदेशी कंपनी आयेगी तोह हाई टेकनोलोजी देश में आयेगी इससे देश की तरक्की होगी विकास होगा इसीलिए विदेशी कंपनियो को भारत में बुलाया जाता है | लेकिन भारत सरकार के दस्ताबेजो के अनुसार ९० प्रतिशत जे जादा विदेशी कंपनिया कोई तकनीक लाती ही नही वे शुन्य तकनिकी के खेस्त्र में व्यापार शुरू करते है और उद्योग लगाते है | शुन्य तकनिकी का खेस्त्र माने साबुन, क्रीम, पावडर, लिपस्टिक, नेल पोलिश, शम्पू , बिस्किट, चोकलेट, टॉफी, पावरोटी, चिप्स, टमाटर की चटनी, आम का आचार, नमक को डब्बे में भर के बेचने की कला, गेरू का आटा, पानी बोतल में भरके बेचने की कला इत्यादि |
१० प्रतिशंत विदेशी कंपनिया भारतीय कंपनियों से कुछ समझोते करके थोडाबहुत टेकनोलोजी के सामान बनाती है जैसे कार, मोटर साइकल, बस इत्यादि | इसमें भी वो टेकनोलोजी लती नही है अपने देश से बनी बनायीं सामान लाके भारत में फिट करते है |

उछ टेक्नोलोजी विदेशी कंपनिया कभी नही लाती जैसे सटेलाइट, मिसाइल , परमाणु बोम्ब, परमाणु पनडुब्बी, टंक , जलपोत , तोप, राइफेल, सुपर कंप्यूटर इत्यादी सब भारत में स्वदेशी के रास्ते ही विकशित हुई |

विदेशी कंपनिया कभी भी लेटेस्ट टेक्नोलोजी हमको नही देती वो हमको उनकी २० साल पुराणी टेक्नोलोजी देती है जो उनके देश में बेकार हो जुके है, जिनका वो इस्तेमाल नही करते है , जो उनके लिए डम्प करने लायक है|

हम इस घटाटोप में फस गए है की विदेशो से टेक्नोलोजी आ रही है इम्पोर्टेड टेक्नोलोजी है ...उसमे कुछ खास दम नही है ..आप इन माया मोह से बहार निकलिए, कोई टेक्नोलोजी उनके उहाँ से आती नही है जो टेक्नोलोजी बनाते है वो हम बनाते है |
http://www.youtube.com/watch?v=KdAP6_4TFzQ

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