Monday, March 4, 2013

मीनाक्षी लिखी- गुजरात दंगो पर अपने विचार रखते हुए



बोलने से ही नही काम चलेगा...अपने बोलने का कारण भी समझो..क्यों...??..हर भलामानस जानता है कि खून मे डुबोती तो कांग्रेस खाती आई है अभी तक.... मोदी ने तो और महफूज़ कर दिया मुसलमानो और दूसरों को... हर साल दंगे करवाकर मुसलमानो और दीगरों को मरवाने की साजिश होती थी नीच कांग्रेसियों की..., कातिल होकर रहबर बने रहते थे... और रहबर को कातिल घोषित कर रखा है..., अब गुजरात मे दंगे बंद करवा दिये उसने... एक इलाज और बीमारी पर अंकुश... ये तो उपचारक हुआ...अब अंधियारा अतीत चाहिये या उजियाला भविष्य देखते हो..? नजरें तुम्हारी...,अतीत की लाश तो बदबू ही देगी...., चमकीला महकता भविष्य का बगीचा आपका इन्तेजार कर रहा है..हर साल क्यों दंगे होते थे...?मोदी की जिम्मेदारी थी अपनी गुजरात की जनता को सुकून और सुरक्षा देनेकी..इसलिये एक बार कड़ा प्रशासनिक निर्णय लिया..और अब कोई मुसलमान नही मारा जाता..कोई हिन्दू नही मारा जाता..अब सब एक साथ तरक्की कर रहे है..लोग रश्क कर रहे है... इसलिये उन्हे देखो..भड़कानेवालों को ना देखो..(किसी की नजर ना लगे)अब वहां कोई दंगा नही होता इस लिये कोई पीड़ित नही..सब खुशाल हैं.. कई मुझे गुजरात के दंगा पीड़ितों से जाकर् पूछने के लिये कहते रहे हैं.. .सब एक हिन्दू मुख्यमंत्री के राज मे कुछ मुसलमानो की अ-सुरक्षा का जबरन माहौल बनाते हैं..और आपको यदि कोई कह दे तो आप चिल्लाचिल्ला कर साइट पर कोहराम मचा देते हैं की आप इसी देश के हैं.. पर मैं इनसे कश्मीर के लोगो से जाकर पूछने को कहूँ तो..?कश्मीर मे एक मुसलमान मुख्यमंत्री के रहते इतने हिन्दू कश्मीरी ब्राह्मणो पर अत्याचार हुए उन्हे अपना स्थान छोड़ना पड़ा. कोई नही बोला..उस मुख्यमंत्री के कोई कर्तव्य नही थे और हैं क्या..?अब आपके नियम बदल जाते हैं क्या उनके लिये...क्या इसे चालाकी नही कहते..?उनके अधिकार मुसलमानो के अधिकारों के मुकाबले कम हैं क्या...बल्कि अब ज्यादा कहें तो??... आप तो भुन जायेंगे.....

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