Sunday, March 10, 2013

सेकुलरिस्म की इस दोगली दुनिया


शिवरात्री पर शिव पर दूध चढ़ाना दूध की बर्बादी है, पर ईद पर दूध देने वाले जानवरों का खून बहाना 'त्याग की परंपरा' है l

सेकुलरिस्म की इस दोगली दुनिया में आपका स्वागत है l

शिवरात्रि पर दूध चदा दिया तो गरीब बच्चो को दूध नहीं मिलेगा , कोई मुझे यह बता दे की गौ के काटने के बाद देश के बच्चो को दूध कैसे मिलेगा?

शिवरात्री में एक एक समय का दूध बेकार हो जाता है , लेकिन ईद पर गौ काटने के बाद तो पूरे जीवन का दूध बेकार हो जाता है उसका क्या?

गौ बचाओ , देश बचाओ , भुकमरी भगाओ |

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